Case #12 - 12 सपना: जुडवाँ, पानी, माँ


सपने, ख्याली पुलाव तथा कहानियाँ सभी एक जैसे हैं : वे हमें व्यक्ति में सम्पूर्ण पैठ करने देते हैं । जेस्स ने दो जुडवाँ लड़कों के बारे में एक कहानी लिखी थी । वो दोनों एक बाँध के किनारे खेल रहे थे । मुख्य चरित्र, जिसे हम टोनी कह सकते हैं, को पानी से डर लगता था । दूसरा जुडवाँ, जैक, नहीं डरता था । जैक पानी में खेल रहा था और टोनी से छेड़छाड़ करते हुए पानी में आने के लिये कह रहा था । टोनी रुका रहा । उनकी माँ का कुछ समय पहले देहांत हो गया था और सौतेली माँ उनकी देख-रेख करती थी ।

टोनी की जेब में एक पथ्तर था जो उसकी माँ की निशानी थी । जैक ने उसकी जेब से पत्थर निकाल कर पानी में फेंक दिया । टोनी उसके पीछे पानी में भागा और पाया कि वह पानी में ठीक-ठाक है । वो पत्थर के बारे में भूल गया । जेस्स का विवादास्पद मुद्दा था कि वह कि वह अपनी महिला मित्र के साथ विवाह करने में संकोच कर रहा था । वह उससे प्रेम करता था परन्तु उसके साथ एक लम्बे भविष्य बिताने के बारे में सहज महसूस नहीं करता था, और वह एक पक्के निर्णय पर नहीं पहुँच पा रहा था ।

हमने टोनी को हरेक चरित्र के साथ जोड़ कर उसके सपने की जाँच की । टोनी की तरह वह पानी से, उसके अंदर जाने से, डरता था । जैक की तरह वह सहज, अपने में शांत, और चंचल था । अपनी मर चुकी माँ की तरह वह ममतामयी, जवान, कोमल था । पानी की तरह वह गहरा था । यहाँ उसका माँ का अनुभव महत्वपूर्ण था क्योंकि उसकी माँ संवेदनाहीन और अलग-थलग रहने वाली थी और यही चीज औरतों के साथ संबंध में उसके लिये मुश्किल पैदा करने वाली थी – वह ज्यादा नजदीकी से डरता था और डरता था कि उसकी संवेदनहीनता उसके संबंधों के बीच आ जायेगी । इसलिये यहाँ जो स्पष्ट हुआ उसका गहराई , ममतामई, नारी-सुलभ संबंधी उसके अनुभव से ताल्लुक था । यह उसके लिये पानी में कूदने के लिये प्रेरक था । यह भी स्पष्ट था कि उसे अपने जुडवें की सहायता की आवश्यकता थी, कोई ऐसा जिसे डर न लगता हो, और उसकी स्नेही माँ की मूर्ति ले कर पानी में फेंक दे ।

मइसलिये मैंने उससे पूछा कि क्या हम वैसे ही खेल सकते हैं । मैं उसका जुडवा होऊँगा, उसकी जेब से निशानी को निकालूगा, और पानी में फेंक दूँगा । वह मान गया, इसलिये मैंने बोला कि 'मैं अब निशानी ले रहा हूँ, मैं अब इसे पानी में फेंक रहा हूँ' । उसने इसके बाद पानी में जाने की कल्पना की । उसके बाद उसने सहज महसूस किया ।

मयह उसके लिये बहुत ही गहन अनुभव था । उसने अपने-आप को स्थिर, व्यवस्थित महसूस किया, और अपने अंदर गहराई तक झांकने के लिये सक्षम पाया, जो उसकी भविष्य में संबंधों की परेशानियों से चिंतित नहीं था । जैसा कि कहानी में था, एक बार पानी में जाने के बाद उसे अपनी माँ की याद की आवश्यकता नहीं थी ।

मफिर भी, यह स्पष्ट था कि यहाँ बहुत सारी चीजों की आवश्यकता थी । एक तो, कोई उसकी सहायता करे – उसे अपनी स्नेही माँ की तरफ, जिससे मिलने के लिये उसके मन में हमेशा ललक रहती थी, धयान आकर्षित करने के लिये जुडवाँ की आवश्यकता थी । फिर उस जगह की तरफ उसका जाना स्वाभाविक था । अंत में, वो वास्तव में अपने आप में रह सकता था, उस टुकड़े में बंटा हुआ नहीं जो डुबकी लगाना चाहता हो, लेकिन संकोची था, और वो हिस्सा था जो जीवन में आगे बढ़ गया था । उसने दोनों को साथ में आते हुए महसूस किया । उसने ह्रदय में गहरी, स्नेही, नारी सुलभ भावना के साथ संबंध महसूस किया, इसलिये वह बिना किसी संकोच के जीवन में डुबकी लगाने के लिये सक्षम हो गया था ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther