Case #14 - 14 नींद : रोक के रखें या आने दें


वजूली कहती है कि समूह में बैठे हुए वो बहुत ही सहज और उनींदी महसूस करती है । कहती है कि वो 20 सालों तक निंद्रा न आने की बीमारी से ग्रसित थी । मैंने उससे पूछा कि उस समय क्या हुआ था, और वो उत्तर देती है कि बहुत सारी चीजें थी, वो बहुत व्यस्त थी, और उसे सोने के लिये ज्यादा वक्त नहीं मिलता था । संदर्भ की खोजबीन करने के बजाय, मैंने उसके तात्कालिक अनुभव पर केन्द्रित होने का और एक गेस्टाल्ट प्रयोग करने का निर्णय लिया ।

ममैंने उसे बताया कि नींद को आने देना चाहिये और उनींदी होने के लिये समूह में यही वह कर पा रही थी । इसलिये यदि उसे नियमित रूप से सोने में मुश्किल आती थी, तो स्पष्टत: उसको नींद को रोके रखने का अभ्यास है । इसलिये, मैंने उससे कहा कि आओ मुझे पकड़ कर, मेरी कलाई को पकड़ कर, सोने की कोशिश करो । फिर मैंने उससे कहा कि क्लास में नींद आने के अनुभव को मुझे कर के दिखाये और फिर उसे रोक कर रखे जैसे कि वह सोने से पहले करती थी ।

ममैंने देखा कि उसका पकड़ना इतना मजबूत नहीं था, केवल दो उंगलियों से पकड़ रखा था । इसलिये, मैंने उसका धयान उस ओर खींचा और उससे कहा कि नींद आने देने का प्रयोग करे । यह उसके लिये मुश्किल नहीं था ।

यह एक छोटा सा प्रयोग था लेकिन इसने उसको इसका सीधा अनुभव कराया कि वो क्या कर रही है और उस चीज को किसी और तरीके से कैसे किया जा सकता है । मैंने उससे कहा कि सोते समय वो ये धयान रखे कि कैसे उसे नींद को रोके रखने के बारे में पता चला और फिर याद करे कि उसने मेरी कलाई को कैसे छोड़ा और कैसे वो समूह में नींद को आने देती है ।

गेस्टाल्ट प्रयोग मुद्दों को वर्तमान में ले कर आने का है, और उनकी परख एक सम्मिल्लित, सक्रिय एवँ रचनात्मक तरीके से करने के बारे में है। जहाँ भी संभव हो, इसे आसामी और इलाज करने वाले के बीच एक संबंध स्थापित करके किया जाता है । इससे इलाज करने वाले को ये समझने में सहायता मिलती है कि क्या हो रहा है, बजाय इसके कि इसे बयान किया जाये । प्रयोग एक नया अनुभव देता है और उन उपस्थित चीजों के बारे में जानकारी देता है जिनके बारे में जानकारी नहीं मिलती या विस्तार से देखी नहीं जा सकती । गेस्टाल्ट में हम यह समझते हैं कि कैसे चीजों की पूरी जानकीरी की जाये, और वो अटकी हुई न रहें, अधूरी या बँटी हुईं…एकीकरण स्वाभाविक रूप से होता है । यह टाओइस्ट की अवधारणा है ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther