Case #17 - 17 धिसी-पिी कहानी को सुलाना


जेन को दिमागी तकलीफ थी । उसने अपने जीवन में बहुत दुख झेला था; उसका दवाखानों में आना-जाना लगा रहता था, और बहुत सी दवाइयों को लेना पड़ता था और एक बहुत बड़ी मुश्किल से छुटकारा पाने की कोशिश में इलाज करवा रहा था । उसका स्वाभिमान बहुत कम था और उसे लोगों के बीच आत्मविश्वास नहीं था; वो बहुत शर्मीला था ।

उसने बोलना शुरू किया; वह अपने दुख की कहानी बताना चाहता था । मैंने तभी उसे बीच में रोक दिया । मेरा मत था कि यह एक बहुत पुरानी धिसी-पिटी कहानी है जिससे उसका मकसद हल नहीं होता, शायद सिवाय इसके कि वह हमदर्दी लेना चाहता था, खुद पर अफसोस करना चाहता था या फिर अपनी बहुत समय की पीड़ा को सही ठहराने के लिये ।

मैंने उससे कहा कि मैं उसे किस चीज में आनन्द आता है और किस चीज में पीड़ा मिलती है में अंतर समझाऊँगा । मैंने उसे कमरे में चारों ओर देखने को कहा और ये बताने के लिये कहा कि किस व्यक्ति को देख कर उसे प्रसन्नता महसूस होती है, एक ऐसे मापदण्ड पर जिसमें ज्यादा आनन्द और कम आनन्द का पता चले ।

फिर मैंने उसे किसी ऐसे व्यक्ति को चुनने के लिये कहा जिसको देख कर उसे सबसे अच्छा लगा । उसने अपने चिकित्सक को चुना, जो उस समूह में था । मैंने उससे कहा कि वो बताये उसे क्या लगता है । उसने बताया कि उसे अपनी छाती में जोश सा महसूस होता है । मैंने उससे कहा कि वह जोर से साँस ले । देखने से वो सहज लग रहा था, उसका चेहरा कोमल हो गया था । फिर मैंने उससे कहा कि उसके बाद समूह में उसको कौन सा व्यक्ति अच्छा लगता है । उसने उम्र में सबसे छोटे सदस्य को चुना । इसलिये, मैंने उसे वैसा ही करने को कहा ।

यह सब करने के बाद वह शांत और तृप्त लग रहा था । इस प्रयोग ने उसकी दु:खद कहानी को सुलझाया और उसको संबंधों, वर्तमान के जीवन्त सम्पर्क में लाया ।

गेस्टाल्ट यहाँ और अभी के संदर्भ में काम करता है। संदर्भ को समझ्ने के लिये या और गहराई से समझने के लिये कहानी में जाना लाभदायक हो सकता है, लेकिन कुछ कहानियाँ नई होती हैं जिन्हें सुनने और समझने की जरूरत होती है । बाकी कहानियाँ घिसी-पिटी होती हैं जिनमें कोई नयापन नहीं होता और खुद को महत्व देने के लिये होती हैं । सभी कहानियों को अंत में वर्तमान में लाया जाता है जहाँ पर हमें कोई चुनाव मिलता है, जो कि गेस्टाल्ट का महत्वपूर्ण केन्द्र बिन्दु है ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther