Case #18 - 18 छोटी सी छुट्टी


टरुडी अपनी आँटी और अंकल के साथ रहती थी । अंकल को उसकी साइकोलाजी में रूचि बेकार की लगती थी । वह उस पर नौकरी करने के लिये जोर डालता था । वह उसके द्वारा कार्यशालाओं, जैसे कि यह कार्यशाला, पर किये गये खर्च की आलोचना करता था और उससे कहता था कि उसकी उम्र 26 वर्ष की होने के कारण उसे अब विवाह कर लेना चाहिये ।

जब मैंने उससे पूछा कि उसे अपने शरीर में कैसा महसूस होता है, तो उसने बताया कि उसे कंधों में दर्द होती है । शारीरिक तौर पर यह सामान्यतया जरूरत से ज्यादा जिम्मेदारी लेने के कारण होता है ।

और वास्तव में, वो इन मामलों में अपने ऊपर ज्यादा जोर डालती थी । नौकरी ढूँढना, किस तरह की नौकरी ढूँढे, इत्यादि । मैंने उससे पूछा वह क्या करना चाहती थी – क्या चिकित्सा करवाना चाहती थी। लेकिन उसे लगता था कि उसे अभ्यास की आवश्यकता है और इससे पहले कि वह तैयार हो, जीवन का अनुभव लेना चाहती थी । मैंने उससे पूछा, वो कब होगा – तो उसने कहा 'जब मैं बूढ़ी हो जाऊँगी' । गेस्टाल्ट में हम हमेशा विशिष्टताओं पर केन्द्रित करते हैं । मैंने उससे पूछा, कितनी बूढ़ी ? तो उसका जवाब था 80 साल की ।

इसलिये, मैंने उससे पूछा कि इस समय और उस समय के अंतराल में वो क्या काम करना चाहेगी । अपने ऊपर दबाव महसूस होने के कारण उसे इस बात का जवाब देने के लिये सोचने में मुश्किल हो रही थी ।

इसलिये मैंने उससे कहा कि इस दबाव से छुट्टी ले ले और 1 मिनट के लिये छुट्टी मनाये । उस समय के दौरान बस मेरे साथ रहने के लिये । मैंने उसमें एक ऐसी चीज देखी, जिसकी मैंने प्रशंसा की । और मैंने उसको वही करने के लिये कहा । इसने उसको आधार दिया और मेरे साथ उसके संबंध में पूर्णता ला दी, उसे सकारात्मक मान्यता दी (उसने बताया था कि उसे कोई प्रोत्साहन नहीं मिलता, सिर्फ अपने माता-पिता से दबाव मिलता था ), और संवेदिक जागरूकता में ले आया । हम गेस्टाल्ट में लोगों को अपनी 'कहानियों' तथा योजनाओं से बाहर लाने के लिये इन प्रारंभिक प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हैं ।

यहाँ मैंने जो प्रस्तावित किया था वो एक गेस्टाल्ट का प्रयोग था । वह थोड़ी सहज हुई, परन्तु उसे ये बहुत मुश्किल लगा । वो अपने को कोई 'छुट्टी नहीं दे पाई । इसलिये मैं उसकी जाँच करने को उधर गया और उसके कंधे के उस हिस्से को, जहाँ उसे दर्द हो रही थी, ढूँढ कर अपनी अंगुली से दबाया । यह मालिश नहीं थी, बस जिस जगह की वजह से उसे तनाव हो रहा था, उसकी जानकारी के लिये तथा इस बारे में उसकी जागरुकता को बढाने के लिये – वो इसकी इतनी आदी हो चुकी है कि वह उसके बारे में सोचती नहीं ।

जब मैंने उसे छोड़ा तो ही वो मुझे छोड़ पाई । इससे पहले कि हम उसकी नौकरी की स्थिति के बारे में थोड़ी और बातचीत करें, हमने फिर से एक छोटी सी छुट्टी के लिये कोशिश की। उसके बाद हम फिर 'छुट्टी' पर आ गये, जिसको उसने मुश्किल पाया । मैंने दुख व्यक्त किया कि यह उसके लिये बहुत मुश्किल था । मैंने चिंता भी जाहिर की कि यदि उसने अपने ऊपर इतना दबाव पड़ते रहने दिया तो वो इतने लम्बे समय तक जी नहीं पायेगी ।

इससे उसकी जागरूकता एक बड़े परिदृश्य पर केन्द्रित हुई और इतने अधिक दबाव के साथ जीने के नतीजे पर । इसने उसको यह दृष्टिकोण भी दिया कि उसकी यह आदत उसे उस रास्ते पर ले जायेगी जिसे वो वास्तव में चुनना नहीं चाहती । गेस्टाल्ट चुनाव के बारे में है ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther