Case #23 - 23 शराबी पिता
मैरी के अपने पिता को लेकर बहुत सारे मुद्दे थे । मैंने पहले उसके साथ जुड़ने के लिये कुछ समय व्यतीत किया । मैं उसे बताता हूँ कि मुझे उसके बारे में क्या अनुभव हुआ – उत्साही, स्पष्ट, और मेरे प्रत्युत्तर में उसमें गर्मजोशी है । मैं उससे पूछता हूँ कि मेरे बारे में उसका अनुभव क्या रहा । वो सहज महसूस करती है, सोचती है कि मैं मित्रवत हूँ ।
मैंने उससे उसके पिता के बीच अंतर और समानताएँ बताने के लिये कहा । अंतर हैँ : वह उसके पैसा खर्च करने पर आलोचना करते था, वह समय-समय पर बहुत शराब पीते था, और उसे उसके बारे में चिंता होती है, जो वह उनको बताती है । समानताएँ थीं : वह उसको बहुत सहयोग देते था और उसे प्रोत्साहन देते था । वह बताती है कि उसकी माँ उस पर बहुत भरोसा करती है, उसके पिता के बारे में उससे शिकायत करती है और उसके द्वारा दिये गये कष्टों को उसे बताती है ।
मैंने उससे कहा कि उसके शरीर में जो भावनाएँ थीं, उनको पहचाने । उसे छाती में कुछ अटका हुआ लगता है, पीठ में तनाव महसूस होता है और पेट में कुछ कसाव लगता है । हम कुछ समय व्यतीत करते हैं जबकि वह इनमें साँस लेती है । तब मैं अपने-आप को उसके पिता की तरह पेश करता हूँ, कल्पना करता हूँ कि वो क्या कह सकता है । उसके पिता का किरदार करते हुए मैं कहता हूँ :
'मैं चाहता हूँ कि तुम पीछे हटो, जो चुनाव मैंने अपने जीवन में किये था वो मेरा अपना निर्णय है । तुम्हे अपना जीवन स्वयँ ही चलाना है । ' 'मैं तुम्हे ये समझाना चाहता हूँ कि तुम्हारी माँ और मैं अपने तरीके से चीजों को सुलझायेंगे । कृपया हमारे संबंध के बारे में चिंता मत करो।' -'अगर तुम्हारी माँ मेरे बारे में तुमसे शिकायत करती है तो मैं चाहता हूँ कि तुम उस पर धयान न दो और उससे कहो कि तुम इस बारे में सुनना नहीं चाहती हो' इन वाक्यों के बाद मैं उससे पूछता हूँ कि उसे क्या महसूस होता है, वो बताती है कि उसे राहत महसूस हो रही है । अंत में मैं उससे राहत और सहजता की भावना के साथ भरपूर साँस लेने के लिये कहता हूँ ।
वह उसके संबंध में दूसरा मुद्दा उठाना चाहती थी, परन्तु मैंने उसको वहीं रुकने के लिये कहा, और कुछ देर के लिये राहत की भावना के साथ रहने के लिये कहा । इस प्रक्रिया में मैंने सीधे तौर पर संबंधात्मक आधार पर शुरूआत की क्योंकि मैं जानता था कि उसका मुद्दा उसका पिता है और मैं चाहता था कि मैं ऐसे तरीके खोजुँ जिसमें कि मैं उसके पिता जैसी स्थिति में हो सकुँ । ऐसा करने से मैं आसानी से जान पाया कि उसके मुद्दे क्या थे, और क्या मैंने भी उनका अनुभव किया है । अंतर और समानताएँ हमारे संबंधों को परिभाषित करने में सहायता करते हैं, और मुझे उससे जुदा रखते हैं, लेकिन जुडाव का एक बिंदु भी देते हैं, और हमारे बीच पारस्परिकता स्थापित करने के उपाय भी । स्पष्टत:, पारिवारिक व्यवस्था मेरी पर माता-पिता का असर डाल रही थी, और यह हानिकारक है ।
इसलिये, उसके पिता के स्थान की कल्पना करके मैं उसे इस बारे में एक संदेश दे पाया हूँ, जो उसके ऊपर असर कर सकता है । यह एक खुशनुमा पारिवारिक समूह की व्याख्या है ।
जाहिर तौर पर, शराब के साथ भी मुद्दे थे लेकिन हम सबको एक साथ नहीं सुलझा पाते, सबसे स्पष्ट ये बात है कि उसे अपने पिता को बचाना बंद कर देना चाहिये । इसलिये उससे अस्तित्व संबंधी जिम्मेदारी का संदेश उसको रुकने में सहायता कर सकता है, और वो अपनी जरूरतों पर धयान दे सकती है । राहत से यह संकेत मिलता है कि हम सही दिशा में जा रहे थे । प्रारम्भ की शारीरिक जाँच ने यह सुनिश्चित कर दिया था कि मेरे पास आधार था और मैं बदलाब को देख सकता था ।
प्रस्तुतकर्ता Steve Vinay Gunther