Case #25 - 25 10,000 तीर


ट्मेरी का दो बार तलाक हो चुका था और अब वो फिर अपने पिछले पति के साथ रह रही थी, जो उसके बेटे का पिता था । मैंने उससे जीवन के सफर के बारे में पूछा । दोनों एक साथ एक व्यापार करते थे लेकिन वो एक दृष्टिकोण पर सहमत नहीं होतेथे । समय के साथ वह उसके साथ हिंसक होता गया था । यह काफी वर्षों तक चलता रहा । फिर उसने उससे तलाक माँगा, और उसके बाद एक कर्मचारी, जो उनके व्यापार में काम करता थी, के साथ संबंध बनाना चाहा ।

उस औरत द्वारा नकार दिये जाने के बाद उसने मेरी से दोबारा विवाह करने के लिये कहा, जिसे उसने मान लिया। पर उसका उसको मारना जारी रहा । अंत में, बहुत वर्षों बाद जब हिंसा हद से बढ़ गई तो उसने उसे तलाक दे दिया । कुछ वर्षों के बाद उन्होने फिर साथ रहना शुरू कर दिया, इस बार बिना किसी हिंसा के, और वह अब अपने संबंध को संतोषजनक बताती है, और अब वह उसके साथ नाखुश नहीं है ।

फिर भी, यह बताते हुए उसे बहुत पीड़ा महसूस हुई थी। मैंने उससे पूछा कि वो बची कैसे रही; उसको अपनी माँ और दादी के बारे में याद आया कि उनको किस तरह का जीवन व्यतीत करना पड़ा था (बिना हिंसा के ) । मैंने उससे पूछा कि उसे क्या महसूस हो रहा था। उसका उत्तर था 'जैसे मेरे ह्रदय में 10,000 तीर हैं' । मैंने इस बात को समझा कि वो इसके बजाय कि दूसरों को दर्द दे, दर्द को अपने अंदर छुपा कर रखती है, लेकिन मैंने उस पर इसके प्रभाव के लिये चिंता जताई । मैंने उससे पूछा कि मेरे साथ, जो कि एक आदमी है, बात करते हुए उसे कैसा लगता था – उसने कहा कि वो सुरक्षित महसूस कर रही थी । मैंने उससे कहा कि एक आदमी ने वो तीर उसको चुभाये थे, इसलिये एक आदमी हो कर मैं उन्हे निकालने में उसकी सहायता करना चाहता था । मैंने ऐसा किया, 'तीर' को जमीन पर लिटा कर, इस बात को माना कि वह किस तरह बुरी तरह घायल हुई होगी ।

मैंने यह जाँचा कि उसको कैसा लग रहा था: उसने बताया कि उसे पीड़ा महसूस हो रही थी, लेकिन अंदर तक द्रवित भी महसूस कर रही थी, और थोड़ा आराम भी लग रहा था । इसलिये मैंने इस प्रक्रिया को दो बार दोहराया, हर दफा उसके अनुभव के अलग पक्ष को देखा । उसको थोड़ी राहत महसूस हुई, लेकिन उसको अपने हाथ कुछ सुन्न भी होते हुए लगे । इससे यह पता चलता था कि उसने काफी कर लिया था । अंत में, मैंने यह सुझाव दिया कि हम उसके चुनाव के अनुसार तीन तीरों से ये पद्धति करते हैं । उसने तीरों को जमीन के अन्दर गाड़ने वाली पद्धति को चुना । इसलिये मैंने उसको एक काल्पनिक कहानी सुनाई जिसमें हम दोनो तीरों को गाड़ने के लिये एक जंगल में जा रहे थे और ये मान कर कि तीर जमीन में गाड़े जा चुके थे हम उन्हे गड़ा हुआ ही छोड़ देते हैं ।

अंत में उसको हल्केपन का और उस जगह पर देखे और सुने जाने का अनुभव हुआ । मैंने उससे कहा कि यही काम वह घर पर करे और तीन और तीरों के साथ इस प्रक्रिया को अपने दिमाग में दिन में एक बार करके उन्हे गाड़ने की पद्धति अपनाये । इस प्रक्रिया में मैंने संदर्भ को अच्छी तरह से समझने के लिये उसकी पृष्ठभूमि का ढाँचा बनाया । फिर मैंने उसको ठीक करने के लिये अपने आदमी होने को इस्तेमाल किया । मैं इस बात को जाँचते हुए कि हर कदम पर उसे कैसा लग रहा था, धीरे-धीरे आगे बढ़ा और उसे काफी विकल्प दिये ।

मैंने उसके बताये गये तीरों के लक्षण को गंभीरता से लेते हुए उसे ठीक करने का कार्य प्रारंभ किया । महत्वपूर्ण कारक तीरों की संख्या को निकालना नहीं था, या फिर दर्द का स्थायी तौर पर निवारण करना नहीं था, लेकिन वास्तव में जो हमने शुरूआत की थी उससे ये अंतर पड़ा था कि उसे यह रास्ता मिल गया था कि वह स्वयँ इसका सामना कर सकती थी ।

यहाँ पर गेस्टाल्ट प्रयोग सीधे तथ्यों से और जो शब्द उसने प्रयोग किये थे से बनाया गया था और यह मूलत: हमारे बीच स्थापित हुए संबंध के कारण काम कर गया ।



 प्रस्तुतकर्ता  Steve Vinay Gunther