Case #8 - 8. पुरुषों े प्रति अविास
गेबरियला का एक 4 साल का बेटा था और उसे उसके एक और साथी, जोस जो अपने आपको उसका दोस्त कहलाना पसन्द करता था, से 5 महीने का गर्भ था । वो 2 सालों से एक साथ थे । उसे पुरुषों के साथ अपने संबंध से दुविधा महसूस होती थी । जोस सहयोग देने वाला था और बच्चा चाहता था । उसका एक दूसरी औरत से, जो उसके साथ नहीं रहती थी, भी बच्चा था जो 9 साल का था ।
गेबरियला को आदमियों पर बहुत गुस्सा आता था । उसके पिता अलग-थलग और उसकी पहुँच के बाहर रहते थे और कभी-कभार ही उसकी तारीफ किया करते थे । इसलिये, उसके मन में आदमियों से अच्छे व्यवहार की बहुत ललक थी, लेकिन वह दूरी के किसी लक्षण को अस्वीकार भी करती थी ।
जोस उसके साथ था लेकिन उसके साथ वचबद्धता तथा शादी के लिये तैयार नहीं था । इस कारण से उसको उस पर बहुत गुस्सा आता था और वो एक-दूसरे से दूर हो जाते थे । लेकिन फिर उसे यह भी डर लगता था कि वह उसे छोड़ कर चला जायेगा । किसी भी रूप में उसने अपने-आप को पक्का किया और वही किया जो वह जानती थी – सोचा उसे मजबूत होना है और खुद पर निर्भर रहना है ।
लेकिन मुश्किल यह थी कि जब उसने यह किया उसने सहारे और प्यार से दूरी बना ली । इसलिये, मैंने उससे कहा कि वो मेरे साथ वर्तमान में वही करे – मैं भी तो एक पुरुष हूँ । मैंने कहा कि वो मुझे बताये कि उसे पुरूषों पर किस बात से अविश्वास है । और, मुझे सीधे-सीधे यह कहे – "मुझे यह विश्वास नहीं है कि तुम मेरे साथ अच्छे हो सकते हो, मुझे यह विश्वास नहीं है कि तुम अपने निहित स्वार्थ के लिये यहाँ नहीं हो", इत्यादि । वह यह बातें मुझसे सीधे कहने के लिये तैयार नहीं थी । परन्तु मैंने उसे यह कहा कि मैं इस बारे में गंभीर हूँ और मुझे पूरा भरोसा है कि मैं इसे संभाल सकता हूँ । इसलिये, उसने वह किया । मैंने उससे पूछा कि वह क्या महसूस कर रही थी – थोड़ा सुन्न । मैंने उसे साँस लेने के लिये और अपनी भावनाएँ व्यक्त करने के लिये कहा । उसे गुस्सा महसूस हुआ । मैंने उससे कहा कि वह गुस्से में मुझे दोबारा कहे । उसने वैसा ही किया और फिर उसके आँसू बह पड़े । इस बात ने, कि मैं उसको सुन रहा था और पीछे नहीं हटा, न ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की और स्थिर रहा, उसे अंदर तक झकझोर दिया । मैंने उसे बताया कि मुझे उसके लिये चिंता महसूस हो रही थी । उसने सुबकियाँ लेनी शुरू कर दी । उसको अपने गुस्से से आदमियों को पीछे धकेलने की इतनी आदत थी कि किसी को अभी भी वहीं पाना उसके लिये एक नया अनुभव था । जैसे ही वह संभली, उसने कहा कि यह एक बहुत ही असरदार अनुभव था, जो उसके साथ रहेगा । यह जान कर कि एक समय पर उसके गुस्से और उसकी जरूरत को सुना जा सकता है, उसके बचपन से अब तक की उसकी अधूरी चाह पूरी हो गई । यह जरूरी नहीं कि ऐसा अनुभव हमेशा ही ठीक कर दे । लेकिन यह एक बहुत ही गहन अनुभव था और इसलिये उसने अपने अंदर थोड़ा-बहुत जज्ब किया तथा यह उसका एक नया हिस्सा बन गया, एक जानकारी तथा मजबूती और एक आत्मविश्वास जिससे उसको यह न लगे कि उसे दुनिया को अपने से दूर रखना है ।
निसंदेह, इससे उसे अपनी कमजोरी पर काबू पाने की साम्थर्य बढ़ गई जो संबंधों में सकारात्मक घटनाचक्र बना सकती है, जिससे कि वह जो कुछ जानती थी उससे किसी अलग ही नतीजे पर पहुँचे ।
अगेस्टाल्ट के तरीके में उसके अनुभव के संदर्भ में उस पर धयान देना शामिल है, फिर एक प्रयोग करना जिससे उसको संबंधों के प्रति एक नया ही अनुभव मिले । इसमें मैंने खुद को इस्तेमाल किया, इसलिये मैं सीधे-सीधे उसे जवाब दे सका, और इसलिये एक 'मेरा-तुम्हारा' संबंध स्थापित कर सका । इलाज के लिये संबंध पर धयान दे कर मैंने उसके बाकी के जीवन में संबंधों को बदलने के लिये एक आधार तैयार कर दिया ।
प्रस्तुतकर्ता Steve Vinay Gunther